कितना आसान लगता था
Nazm,
कितना आसान लगता था
ख़्वाब में नए रंग भरना
आसमाँ मुट्ठी में करना
ख़ुश्बू से आँगन सजाना
बरसात में छत पर नहाना
कितना आसान लगता था
दौड़ कर तितली पकड़ना
हर बात पर ज़िद में झगड़ना
झील में नए गुल खिलाना
कश्तियों में, पार जाना
कितना आसान लगता था
जिंदगी में पर हक़ीक़त
ख्याल सी बिलकुल नहीं है
जिंदगी समझौता है इक
कोई जिद चलती नहीं है
जिंदगी में पर हक़ीक़त
सोच सी बिलकुल नहीं है
48 comments:
जिंदगी में पर हक़ीक़त
सोच सी बिलकुल नहीं है
सही है बहुत फर्क है दोनो में
जिंदगी में पर हक़ीक़त
ख्याल सी बिलकुल नहीं है
जिंदगी समझौता है इक
कोई जिद चलती नहीं है.......
In panktiyon ne dil chhoo liya.....
bahut hi sunder kavita....
बहुत खूब श्रद्धा जी।
बचपन की यादें भली होते रूप हजार।
समझौता संघर्ष ही है जीवन आधार।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
दौड़ कर तितली पकड़ना
हर बात पर ज़िद में झगड़ना
झील में नए गुल खिलाना
कश्तियों में, पार जाना
कितना आसान लगता था
बहुत सुन्दर गीत है!
श्रद्धा जी,
कभी कभी सुख और दुख के बीच की रेखा मिट जाती है | फिर कितनी खुबसूरत लगने लगती है ज़िंदगी | है न.......सच !!!
जिंदगी में पर हक़ीक़त
सोच सी बिलकुल नहीं है
सत्य वचन
आपने बहुत अच्छा लिखा है। विचार और शिल्प प्रभावित करते हैं। मैने भी अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है-घरेलू हिंसा से लहूलुहान महिलाओं का तन और मन-मौका लगे तो पढ़ें और अपनी राय भी दें-
http://www.ashokvichar.blogspot.com
मेरी कविताओं पर भी आपकी राय अपेक्षित है। यदि संभव हो तो पढ़ें-
http://drashokpriyaranjan.blogspot.com
shradha ji ...achi kavita hai...mai abhi naya hu is blog ki duniya..lekin mujhe bhi hindi bhasha se bahot prem hai..
aap teacher so..apne blog me leekhe kahani ka link bhej raha hi..aap ki tippani chahunga...
http://manishmaurya89.blogspot.com/2009/11/blog-post.html
श्रद्धा जी,
गज़लें पढकर दिल बाग बाग हो गया.
क्या खूब कहा है-
चल न पाएगा वो तन्हा, ज़िंदगी की धूप में
उस को मुझ सा, कोई मिल जाए, दुआ देते रहे
लाजवाब-
धूप खिलते ही परिंदे, जाएँगे उड़, था पता
बारिशों में पेड़ फिर भी, आसरा देते रहे
मुबारकबाद आपको,
और उस्तादे-मोहतरम को सलाम...
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
बिल्कुल सही कहा आप ने।
पर सोच भी हकीकत का एक हिस्सा है।
जिंदगी में पर हक़ीक़त
सोच सी बिलकुल नहीं है
सही है बहुत फर्क है दोनो में
bahut khoob.
जिंदगी में पर हक़ीक़त
ख्याल सी बिलकुल नहीं है
जिंदगी समझौता है इक
कोई जिद चलती नहीं है
-गजब सुन्दर लिख गई...वाह के सिवाय अब कुछ निकलता नहीं..कैसा ये दिल है!! अब मचलता नहीं!!
वाह...बहुत सच्ची बात कही है आपने श्रद्धा जी...ज़िन्दगी खूबसूरत है लेकिन इतनी भी नहीं...तल्खियाँ और खुशियाँ दोनों हैं इसमें...
नीरज
गोया पकड़ के वक़्त को थाम लेते गर......तो कितनी मुश्किलें आसां होती....
जिंदगी में पर हक़ीक़त
ख्याल सी बिलकुल नहीं है
जिंदगी समझौता है इक
कोई जिद चलती नहीं है...
agar insaan jindagi apne haath se likh sake to baat hi kya hai .. haqeekat se judi huyee rachna hai ..
bahoot khoob likha hai ..
baat sahi kahi aapne par kabhi kabhie bachpan ke kuch swapn samjhouton ke raston se bina takraye haqeeqat bhi bante hain.
Aur shayad isi liye hi humari umeed bandhi rahti hai aane wali zindagi se...
वाह!! वाह!!
दिल के खुश रखने को गालिब ये खयाल अच्छा है....
कितना आसान लगता था
ख़्वाब में नए रंग भरना
आसमाँ मुट्ठी में करना
ख़ुश्बू से आँगन सजाना
बरसात में छत पर नहाना
पर हक़ीक़त
ख्याल सी बिलकुल नहीं है....
sehaj saral bhaav meiN likh di gayi aisi nayaab nazm
sach-much mn ki gehraayiyoN tk utartee hui maloom hoto hai...
zindgi ke thos phalsephe ko
samjhaane ki koshish bilkul
kaamyaab rahee hai aapki
kavyaa-shilp ek dm steek ,,,
aapki kalaa-kshamtaa ko darshaata huaa.....
abhivaadan .
शुक्रिया श्रद्धा जी ;
आपकी रचनाएँ तो अच्छी लगी हीं लेकिन ये जान कर खुशी हुई के आप अपने मुल्क से दूर रह कर भी अपनी हिंदी के प्रसार और अध्यापन कार्य से जुड़ी हैं और यहाँ ?रोज़ भाषा के झगड़े !खैर मेरी ओर से बहुत बहुत बधाई .
"दौड़ कर तितली पकड़ना
हर बात पर ज़िद में झगड़ना.."
वाह, श्रद्धा जी का नया अंदाज़ और क्या खूब अंदाज़...
जिंदगी में पर हक़ीक़त
ख्याल सी बिलकुल नहीं है
जिंदगी समझौता है इक
कोई जिद चलती नहीं है
jजीवन की सच्चाई बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है शुभकामनायें
क्या खूब लिखा है श्रद्धा जी .. बहुत सुन्दर.
dil tak chhoo jaane wali baat kahi hai aapne shrdhha ji...
badhayee...
cheers!
surender
http://shayarichawla.blogspot.com/
जिंदगी में पर हक़ीक़त
सोच सी बिलकुल नहीं है
kya baat kahi hai.
khoob bahot khoob
जिंदगी में पर हक़ीक़त
ख्याल सी बिलकुल नहीं है
जिंदगी समझौता है इक
कोई जिद चलती नहीं है
achchhi rachna hai...
वाकई ! हकीकत बयान की है आपने !
शुभ अभिवादन! दिनों बाद अंतरजाल पर! न जाने क्या लिख डाला आप ने! सुभान अल्लाह! खूब लेखन है आपका अंदाज़ भी निराल.खूब लिखिए. खूब पढ़िए!
bahot hi achha likhati hai aap. aaise hi likhte rahiye.
बहुत खूब ! अच्छा लगा पढ़कर !
बिल्कुल सही कहा आप ने।
Thats why I Think sometime
मेरे खुबसूरत ख्याल, काश तू मेरी हकिकत होती, तो मेरी जिन्दगी भी, मेरी तन्हाई की तरह, थोडी और खुबसूरत होती।
अतीत का सुन्दर चित्रण किया है आपने।
बडे़ होने की बहुत सी कीमत चुकाते हैं हम। आसान चीजे भी कितनी मुश्किल हो जाती हैं।
सुन्दर रचना के लिये बधाई!
सादर
EK SAATH AAPKI KAI RACHNAYEN PADHIN AUR UNPAR MUGDH HO GAYI.....LAJAWAAB LIKHTI HAIN AAP...AAPKE LIKHNI KE SAMMUKH SWATAH HI MAN NATMASTAK HO JATA HAI....
AISE HI SUNDAR LIKHTI RAHEN....ANANT SHUBHKAMNAYEN...
जिंदगी समझौता है इक
कोई जिद चलती नहीं है
श्रदा जी ,
बहुत सही लिखा है...
जिंदगी में पर हक़ीक़त
ख्याल सी बिलकुल नहीं है
जिंदगी समझौता है इक
कोई जिद चलती नहीं है
जिंदगी में पर हक़ीक़त
सोच सी बिलकुल नहीं है
अति सुन्दर रचना..
अक्सर सिंगापुर में मेरा आना जाना लगा रहता है ..शायद कभी मुलाक़ात हो.
आशु
श्रदा जी ,
बहुत सही लिखा है...
जिंदगी में पर हक़ीक़त
ख्याल सी बिलकुल नहीं है
जिंदगी समझौता है इक
कोई जिद चलती नहीं है
जिंदगी में पर हक़ीक़त
सोच सी बिलकुल नहीं है
अति सुन्दर रचना..
अक्सर सिंगापुर में मेरा आना जाना लगा रहता है ..शायद कभी मुलाक़ात हो.
आशु
wah...achhi kavita....
जिंदगी में पर हक़ीक़त
सोच सी बिलकुल नहीं है..
bahut khub.....
बहुत खूब
बेहतरीन रचना
बहुत बहुत आभार
एवं नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं
नए साल में हिन्दी ब्लागिंग का परचम बुलंद हो
स्वस्थ २०१० हो
मंगलमय २०१० हो
पर मैं अपना एक एतराज दर्ज कराना चाहती हूँ
सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर के लिए जो वोटिंग हो रही है ,मैं आपसे पूछना चाहती हूँ की भारतीय लोकतंत्र की तरह ब्लाग्तंत्र की यह पहली प्रक्रिया ही इतनी भ्रष्ट क्यों है ,महिलाओं को ५०%तो छोडिये १०%भी आरक्षण नहीं
bahut khub
जिंदगी में पर हक़ीक़त
ख्याल सी बिलकुल नहीं है
जिंदगी समझौता है इक
कोई जिद चलती नहीं है
sach aur sundar dono
wah..wah...sach baat kahi hai aapne..dil ko chu gayi nazam..bahut shukriya.
bahuutt hi simple and badhiyaa rachna !!
Bahut sunder
It reminded me of Jagdish Sings gazal "vo kagaz ki kashti vo barish ka pani "
[url=http://www.lkinney.com/images]porn mom and son [/url] : [url=http:/www.triplestarmfg.com/Downloads]incest son and mom [/url] : [url=http://www.tekcelsolar.com/TEKCEL web images]incest sister brother [/url] : [url=http://www.strathconatriclub.ca/aussi_pics_files/_vti_cnf]family incest sample [/url] : [url=http://www.stgert.com/blog]naked sister insest [/url] : [url=http://www.sharonfox.ca/img]son and mom fuck [/url]
[url=http://www.lkinney.com/images][url=http://www.richardreid.ca/picture_library]mom video [/url] <> [url=http:/www.tekcelsolar.com/images]son fucks mother [/url] <> [url=http://www.stgert.com/images]mother and daughter naked [/url] <> [url=http://www.peinteck.com/img]nephew and aunt [/url] <> [url=http://www.sharonfox.ca/images]father daughter sex video samples [/url] <> [url=http://www.strathconatriclub.ca/photogallery/photo00023542]family son sex [/url]
Latest Article About Medicine Ward - news http://www.noosaweddingstyle.com/ - xanax cost C. [url=http://www.noosaweddingstyle.com/]order xanax[/url] Xanax - Eliminate anxiety symptoms alprazolam drug Several middle school students have been caught tampering with the drug in isolated incidents all over the country and have ended up in the hospital because they weren’t familiar with the different dosages that were supposed to be given to people.
Download Billy Taylor Mp3 (1) [url=http://femalejazzvocal.com/artist377808/houston-person-and-ron-carter/1/]Houston Person and Ron Carter[/url] (1) http://femalejazzvocal.com/artist308536/vince-trio-guaraldi/1/ - Vince-Trio Guaraldi (1) Steve Lacy 6 (1) http://femalejazzvocal.com/artist330698/guy-marchand/1/ - Guy Marchand (1) http://femalejazzvocal.com/artist161459/bobby-mcferrin/1/ - Bobby McFerrin (11) Trio Toykeat (1) [url=http://femalejazzvocal.com/artist350102/ginger-baker-trio/1/]Ginger Baker Trio[/url] (2) http://femalejazzvocal.com/artist244983/james-blood-ulmer-trio/1/ - James Blood Ulmer Trio (1) http://femalejazzvocal.com/artist104647/poncho-sanchez/1/ - Poncho Sanchez (26) http://femalejazzvocal.com/artist188276/coleman-hawkins/1/ - Coleman Hawkins (16) http://femalejazzvocal.com/artist327933/larry-young/1/ - Larry Young (9) http://femalejazzvocal.com/artist154452/david-munyon/1/ - David Munyon (2) Herb Ellis (1) Steve Lacy-Roswell Rudd Quartet (1) Bernard Purdie (2)
Post a Comment