फिर किसी से दिल लगाया जाएगा
अब नया दीपक जलाया जाएगा
फिर किसी से दिल लगाया जाएगा
चाँद गर साथी न मेरा बन सके
साथ सूरज का निभाया जाएगा
रस्म-ए-रुखसत को निभाने के लिए
फूल आँखों का चढ़ाया जाएगा
कर भला कितना भी दुनिया में मगर
मरने पे ही बुत बनाया जाएगा
आईना सूरत बदलने जब लगे
ख़ुद को फिर कैसे बचाया जाएगा
मेरी अलबम कुछ करीने से लगे
उनको पहलू में बिठाया जाएगा
39 comments:
मेरी अलबम कुछ करीने से लगे
उनको पहलू में बिठाया जाएगा
आप की गजल के सभी शॆर बहुत सुंदर लगे.
धन्यवाद
बहुत बढिया गजल है।बधाई।
आईना सूरत बदलने जब लगे
ख़ुद को फिर कैसे बचाया जाएगा
-बहुत उम्दा बात!
बेहतरीन गज़ल!
वाह क्या बात है।बेहतरीन्।
कर भला कितना भी दुनिया में मगर
मरने पे ही बुत बनाया जाएगा
yeh lines bahut achchi lagin...............
bahut hi bhaavpoorna kavita hai...........
जिस दिन हमें दिया जायेगा इक घाव,
और फ़िर उन्हें नहीं सहलाया जायेगा,
खुदा कसम आप करें न करें यकीन,
मरहम के लिये इन गज़लों को गाया जायेगा..
श्रद्धा जी ...बहुत ही उम्दा लिखा आपने ..और मैंने तो अपनी आदत के अनुसार उसमें कुछ जोड दिया
मन्द पवन सी बहती है गज़ल
तहे दिल से सराहा जायेगा
रस्म-ए-रुखसत को निभाने के लिए
फूल आँखों का चढ़ाया जाएगा waah lajawab
behtareen gazal. umda sher.
चाँद गर साथी न मेरा बन सके
साथ सूरज का निभाया जाएगा
shradha ji behatareen gazal/lajawaab sher.dheron badhai.
कर भला कितना भी दुनिया में मगर
मरने पे ही बुत बनाया जाएगा
kaash ye baat mayawati c.m. u.p. ko samajh aa jaaye.
चाँद गर साथी न मेरा बन सके
साथ सूरज का निभाया जाएगा
सुन्दर ज़ज्बा, बेह्तरीन गज़ल
शानदार गजल
Bahut badhia Shraddha ji...
बेहतरीन !!!
मेरी अलबम कुछ करीने से लगे
उनको पहलू में बिठाया जाएगा
KAMAAL KE SHER HAIN SAB KE SAB AAPKI GAZAL KE ...
BEHATREEN GAZAL HAI ...
पढ़ते मैं आपकी इस ग़ज़ल को "अपने होठों पर सजाना चाहता हूं" की धुन पर गाने लगा...
सुंदर बनी है मैम, विशेष कर ये शेर खूब पसंद आया "मेरी अलबम कुछ करीने से लगे / उनको पहलू में बिठाया जाएगा"...एकदम अनूठा शेर है।
आईना सूरत बदलने जब लगे
ख़ुद को फिर कैसे बचाया जाएगा
बेहतरीन शेर.
पीना पड़ेगा अगर ज़हर भी कभी
पी लूंगी अमृत समझ सिर्फ़ तुम्हारे लिये।
रहेगी जब तलक जिन्दगानी मेरी
जीऊंगी मैं सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारे लिये।
श्रद्धा जी!
बहुत सच्चे अशआर पेश किये हैं आपने।
बधाई!
श्रधा जी क्या बात हैं .........बहुत ही अच्छी लगी आप कि ये प्यारी सी नज़्म बहुत इमानदारी से एक एक शब्द लिया हैं इस संयोजन मैं बहुत मुबारक हो .......
कर भला कितना भी दुनिया में मगर
मरने पे ही बुत बनाया जाएगा
बहुत बढिया..
चाहत नहीं है रुत्बे की औ पैसे की
ख्वाहिश है तो बस इतनी कि
मरने के बाद तो कम से कम
शोहरत और जन्नत मिले
रूमानी जज्बों की सुंदर अभिव्यक्ति।
----------
डिस्कस लगाएं, सुरक्षित कमेंट पाएँ
आपकी बेहतरीन ग़ज़लों में से एक......
वाहवा.... वाहवा...
चाँद गर साथी न मेरा बन सके
साथ सूरज का निभाया जाएगा
bahut umda ghazal kahii hai...harik she'r khoobsoorat hai...gun-gunane ko dil karta hai...aur gun-guna bhi rahay hein...
bahut badhayee...
आईना सूरत बदलने जब लगे
ख़ुद को फिर कैसे बचाया जाएगा
बहुत अच्छे शेर....
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आपको दीपावली की शुभकामनायें !!
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
"आओ मिल कर फूल खिलाएं, रंग सजाएं आँगन में
दीवाली के पावन में , एक दीप जलाएं आंगन में "
......दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ |
shaandaar ghazal padhaai hai ji aapne...
diwaali ke mauke par....
aapko parw ki bahut bahut badhaai
बहुत बढ़िया श्रद्धा जी !, नए अंदाज़ के लिए शुभकामनायें !
'चाँद गर…'
'आईना सूरत बदलने…'
बहुत ख़ूब! बधाई।
आईना सूरत बदलने जब लगे
ख़ुद को फिर कैसे बचाया जाएगा
मेरी अलबम कुछ करीने से लगे
उनको पहलू में बिठाया जाएगा
सारी रचनाएँ अच्छी......
बहुत शानदार ....................बधाई
कर भला कितना भी दुनिया में मगर
मरने पे ही बुत बनाया जाएगा
वाह .....क्या बात कही है आपने ...
मेरी अलबम कुछ करीने से लगे
उनको पहलू में बिठाया जाएगा
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल ....
बहुत खूब लिखा है
"कर भला कितना भी दुनिया में मगर
मरने पे ही बुत बनाया जाएगा "
अति सुन्दर
बधाई!
चाँद गर साथी न मेरा बन सके
साथ सूरज का निभाया जाएगा
yahi right attitude hona chhaiye jo mera bilkul hi nahi hai :P ...
खूब लिखा है । पर लोग तो आजकल अपने बुत खुद ही बना रहे हैं ।
sirf yahi kahunga 'tamam safhe kitaabon ke fadfadane lage ,kabhi hawa ki tarah tum bhi aaya jaya karo',sundar ghajal
पढ़ते मैं आपकी इस ग़ज़ल को "अपने होठों पर सजाना चाहता हूं" की धुन पर गाने लगा...
श्रद्धा जी ,
मैंने आपसे दोस्ती की ,फिर एक कवी दोस्त को पाया और हिंदुस्तान में आपके स्वागत ना करपाने के लिए आपसे नाराज हुआ ....... पर अब आपसे दूर रहकर आपको देखना चाहता हू आपको पढना चाहता हू आपकी रचनाओ में खो जाना चाहता हू ऐसा लगता हें की ये रचना ना होकर जीती जगती खुद श्रद्धा मेरे सामने हो ...मेरी साड़ी शुभकामना तुम्हारे लिए हें साथी ऐसेही लिक्ति रहो और मै ...........
कर भला कितना भी दुनिया में मगर
मरने पे ही बुत बनाया जाएगा
Waah...Waah...
चाँद गर साथी न मेरा बन सके
साथ सूरज का निभाया जाएगा
sundar
श्रद्धा जी!
बधाई!
चाँद गर साथी न मेरा बन सके
साथ सूरज का निभाया जाएगा
अच्छा है....
Post a Comment